हिन्दी कविता- जीवन ज्योत जलेगी |

हिन्दी कविता- जीवन ज्योत जलेगी |
आज जीवन ज्योत जलेगी मानव प्राण भरेगी |
छाई दुविधा कोरोना भारत तिल तिल मरेगी |
वतन की एकता आज दुनिया सारी देखेगी |
आई जो विपदा वायरस जगत पल पल गलेगी |
कौन कहता है कोरोना के कहर हम डर गए |
हराकर कोरोना सभी आवाम जय हिन्द कहेगी |
कर लो सलाम सभी कोरोना युद्ध जवानो को |
डॉक्टर नर्स कर्मी पुलिस सरकार सत्कार करेगी |
बच्चे जवान बूढ़े नारिया लड़ रहे घर मे रहकर |
जलेगे जगमग जब दिये द्वार विपदा कहा रहेगी |
एकमत एकजुट हर घर हर प्रहर सरकार दे रहा |
मिटाकर नाम कोरोना आवाम अब हुंकार गूँजेगी |
जलाकर दिये भूल ना जाना मुंह मास्क लगाना |
बनाना दूरिया लोगो देखना खुशियो की हवा बहेगी|
मिल हर घर की ज्योति दियो बन जाएगी ज्वाला |
भस्म कर कोरोना किटाणु जनता अब ना मरेगी |
श्याम कुँवर भारती (राजभर )
कवि/लेखक /समाजसेवी
बोकारो झारखंड ,मोब 9955509286

Related Articles

कोरोनवायरस -२०१९” -२

कोरोनवायरस -२०१९” -२ —————————- कोरोनावायरस एक संक्रामक बीमारी है| इसके इलाज की खोज में अभी संपूर्ण देश के वैज्ञानिक खोज में लगे हैं | बीमारी…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

लॉक डाउन २.०

लॉक डाउन २.० चौदह अप्रैल दो हज़ार बीस, माननीय प्रधान मंत्री जी की स्पीच । देश के नाम संबोधन, पहुंचा हर जन तक । कई…

Responses

New Report

Close