हिन्दी का समुचित विकास कैसे हो?
आखिर हिन्दी का विकास कैसे हो, एक विचारणीय विषय है। हिन्दी दिवस पर अपने मित्रों एवं सहकर्मियों को बधाई देकर एक औपचारिकता पूर्ण करने मात्र से क्या हिन्दी का विकास हो जाएगा। पूरे सप्ताह भर या फिर पन्द्रह दिन का हिन्दी पखवारा महोत्सव मना लेने मात्र से क्या हिन्दी का विकास हो जाएगा। यह एक यक्ष प्रश्न है।
वास्तव में ,अपने देश में वर्तमान कालीन परिवेश में भाषा तीन स्वरूप में है।
१. मातृभाषा, जो परिवार से समाज तक फैलकर आखिर में पूरे प्रांत भर में व्यापित होकर प्रांतीय भाषा में परिवर्तित हो जाती हैं।
२. राष्टभाषा, जो हमारे देश वासियों को आपस में जोड़ने में एक सेतु का काम करती है।
३. शैक्षिक, जो हमारे बीच जानकारियाँ, ज्ञान और विज्ञान से जोड़कर हम में पूर्णता लाकर हमें इस योग्य बनावें कि हम देश और विदेश दोनों परिवेश में सफल इंसान बनकर प्रस्तुत हों।
इन तीनों विन्दुओं पर विचार करने पर यही निष्कर्ष निकलता है कि हम अपने घर और समाज में बेशक मातृभाषा का प्रयोग करें, परन्तु दफ्तरों में और राष्ट्र स्तर पर हम हमेशा हिन्दी का अनुसरण करें।
पढाई -लिखाई और काम -काज की भाषा आखिर जो हो, पर आपसी बोल-चाल या अभिव्यक्तियों का आदान-प्रदान हिन्दी में हो तभी हिन्दी का सही मायने में विकास संभव है, अस्तु।
हिन्दी में काम करना आसान है, कृपया हिन्दी में काम करें।
–महात्मा गांधी
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Rishi Kumar - January 10, 2021, 10:10 pm
✍️👌👌👌
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - January 11, 2021, 7:56 am
धन्यवाद
Satish Pandey - January 10, 2021, 10:56 pm
हिंदी दिवस पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के विचारों को बहुत खूबसूरती से प्रस्तुत करने हेतु शास्त्री जी को धन्यवाद
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - January 11, 2021, 7:57 am
धन्यवाद
Geeta kumari - January 11, 2021, 10:04 am
हिंदी दिवस पर बहुत सुंदर लेख लिखा है भाई जी आपने , महात्मा गांधी जी के विचारों को प्रस्तुत करके लोगों में हिंदी के प्रति चेतना को जागृत किया है। इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद