अस्तित्व
“ख्वाहिश ना ऐसो आराम की,
चाहत ना दौलतो के शान की,
जरूरत तो है बस, खुद के पहचान की”
हर एक के लिए उसका शान
उसका अस्तित्व और पहचान
जो कर न सके
आप के अस्तित्व का सम्मान
उससे क्या बढ़ेगा आपका मान |
इसलिए इसका हमेशा रखो ध्यान
हमारा अस्तित्व ही हमारा सम्मान|
काव्या- प्रिया सिंह
वाह अति सुंदर
कोशिश है कुछ भावों को व्यक्त करने की
बहुत खूब
जी शुक्रिया
बहुत सुंदर पंक्तियां
जी शुक्रिया
अती सुन्दर