कलम उठाई है…

आज एक अर्से के बाद
कलम उठाई है।
तेरी प्रीत मेरी आँख में भर आई है
दिल की पीर से है मुझको कुछ आराम मिला,
आज इसी वाइस मैंने कलम उठाई है।
दीद हुई जबसे तेरी साँसों की महक
मेरी रूह, मेरे जिस्म में समाई है।
तेरी प्रीत में लिखना भी भूल बैठी थी, आज बड़े दिनों बाद मैने कलम उठाई है।।
बहुत खूब
वक्त बदला पर लम्हा नहीं
मिली ठोकर पर संभला नहीं
साहब जिसे इश्क हो शराब से
मैखाने से बिन पिए लौटा नहीं
——— बहुत सुंदर😍💓 पंक्तियाँ
धन्यवाद आपका आभार