कोशिश है भाव पढ़ लूँ
नजरें टिकी हैं तुम पर
कोशिश है भाव पढ़ लूँ
पाने को पार मन का
पत्थर की नाव गढ़ लूँ।
उतरे या डूब जाये
कोशिश कभी न छोडूँ
तुम छोड़ना भी चाहो
मन से कभी न छोड़ूँ।
ऐसे ही सब समझ लूँ
कहना जो चाहते हो,
वह भी मैं भांप लूँ जो
कहना न चाहते हो।
सुंदर
अतिसुंदर रचना
क्या बात है।
बहुत सुंदर भाव 🙏🙏
कवि की सुन्दर भावनाओं को व्यक्त करती हुई अति सुन्दर रचना, उम्दा लेखन