Categories: मुक्तक
Related Articles
शिक्षक दिवस पर
शिक्षक दिवस पर**** ?????? शिक्षक राष्ट्र का निर्माता शिक्षक ही ज्ञानका है ज्ञाता आदिकाल से इस जग में शिक्षक समाज का गहरा नाता । जब…
माँ शारदे वरदान दो
माँ शारदे वरदान दो वरदायिनी वरदान दो मेरे उर में तेरा वास हो हर रोम में प्रकाश हो सन्मार्ग पर मैं चल सकूँ मुझे अभय…
गुरू की महिमा
गुरू की महिमा का मैं, कैसे करूं बखान । गुरू से ही तो किया है, ये सब अर्जित ज्ञान। ऐसा कोई कागज़ नहीं, जिसमे वो…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
गुरू
गुरू वन्दन गुरू वन्दन चरणों में करता हूं शीश झुका कर अभिनन्दन करता हूं मैं हूं बड़ा अभागा संसार में ज्ञान कि ज्योति जलाये रखना…
Good
🖌🖋👌
Nice
Nyc