धुयें से सेंकते क्यों हो…!!
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस:-
जीवन में ये जहर क्यों
घोलते हो
अपने फेफडों को तुम
धुयें से क्यों सेंकते हो
छोंड़ दो तम्बाकू का सेवन करना
सीख लो तंबाकू छोड़ कर जीना
ये तुम्हारी सेहत को नुकसान
पहुंचायेगा
जीवन को तुम्हारे दुष्कर बनाएगा।।
आपकी कविता धुम्रपान पर केंद्रीत है। समाज के लिए व स्वस्थ के लिए अनमोल संदेश है।
बहुत बहुत आभार
Great poem
Thanks a lot
अच्छी नसीहत