निर्भया और द्रौपदी

शरीफों की सभा लगी फिर
लुटती रही क्यों द्रौपदी?
दु:शासन के दुराचार पर
संवेदना क्यों मर गई?
यही पूँछे द्रौपदी हर सड़क
और हर गली…

देवताओं का दाग अहिल्या
के दामन जा लगा..
वह नारी से पाथर क्यों हुई?
यही पूँछे द्रौपदी हर सड़क
और हर गली…

सीता थीं चरित्र की कितनी धनी
और राम पर विपदा घनी..
फिर सीता वन-वन क्यों फिरी?
यही पूँछे द्रौपदी हर सड़क
और हर गली…

पिंगला थी कितनी सती
फिर भी चरित्र पर उँगली उठी….
वह विरहाग्नि में क्यों जल गई?
यही पूँछे द्रौपदी हर सड़क
और हर गली…

कामायनी की श्रद्धा संग भी
क्या भला अच्छा हुआ?
मनु श्रद्धा का संग छोंड़
इड़ा का प्रियतम हुआ…
क्यों श्रद्धा संग ऐसा हुआ?
यही पूँछे द्रौपदी हर सड़क
और हर गली…

निर्भया संग क्या हुआ यह
कहने की आवश्यकता नहीं…
जहाँ दिखानी चाहिए मर्दानगी
वहाँ तो दिखती नहीं…
यही कहती द्रौपदी हर सड़क
और हर गली…

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्रतिभाओं का धनी

???????? ————————- प्रतिभाओं का धनी —————————   सत्य-बोध के मूल-बीज को प्रकृति ने स्वयं निखारा है प्रतिभाओं का धनी आदि से भारत-वर्ष हमारा है  …

“प्रतिभाओं का धनी”

???????? ————————- प्रतिभाओं का धनी ————————— सत्य-बोध के मूल-बीज को प्रकृति ने स्वयं निखारा है प्रतिभाओं का धनी आदि से भारत-वर्ष हमारा है श्वर-व्यञ्जन को…

Responses

  1. वर्तमान तथा अतीत का संयोजन करते हुए , व्यंग्यात्मक शैली के साथ,नारी के शोषण की दास्तां सुनाती हुई बहुत ही बेहतरीन कविता

New Report

Close