मन का मीत
ज़िन्दगी का सफ़र है,
कभी कड़वा कभी सुहाना
मिलते हैं अच्छे दोस्त यहां,
कभी दुश्मन भी मिले माना
पर तू चल अपनी राह पथिक,
ज़िन्दगी है, सब चलता है
कभी भला लगे, कभी खलता है
नभ का उजला सितारा बन,
कभी किसी की राहों का दीप,
यूं ही करते रहना उजाला..
बन के किसी के मन का मीत..
*****मीत का अर्थ_____ मित्र, दोस्त
*****✍️गीता
बहुत अच्छी पंक्तियां
बहुत बहुत धन्यवाद प्रज्ञा
अतिसुंदर भाव
सादर धन्यवाद भाई जी, आभार 🙏