मित्र प्रेम

लघुकथा-मित्र प्रेम

दुनिया में अगर कोई उदाहरण है तो मित्र प्रेम उदाहरण सबसे मर्मस्पर्शी है ।बात उन दिनो की है जब कुलदीप और प्रवीण साथ -साथ ग्रेजुएशन की डिग्री ले रहे थे ।तो देखते बनता था उन दोनो की मित्रता साथ – साथ कालेज आना साथ -साथ बैठना,खेलना,पढाई करना इन दोनो की मित्रता का पुरे कालेज मे चर्चा होती थी ।
धीरे – धीरे समय बीतता गया और एक दिन वह दिन आ ही गया ।जब दोनो ने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल कर लिया और अब ऐसा क्षण आ गया था ।
जब एक मित्र दुसरे मित्र से जुदा होने वाले थे उस रात उन दोनो ने पुरी रात बाते किये ।और सुबह कि लालिमा के साथ दोनो बिछडने वाले थे। आज दोनो के बीच ऐसा लग रहा था कि शायद अभी वे दोनो कभी मिलने वाले नही है ।
दोनो मित्र ने अपना-अपना समान पैक कर बाहर रोड पर आते है और उनके साथ कुछ सहपाठी भी आते है उनकी आखिरी विदाई के लिए दोनो मित्र गले मिलते है ।और एक दुसरे को बाय बोलकर रूहासी आॅखो से अपने -अपने घर का राह चुनते है।इस मित्र प्रेम की मर्मस्पर्शी प्यार देखकर अन्य मित्र कि भी आॅखे रूहासी हो जाता है। दोनो को बाय बोलकर वर्ष मे एक बार सभी साथ मिलने का वादा कर एक दुसरे से जुदा हो जाते है ।

महेश गुप्ता जौनपुरी
मोबाइल – 9918845864
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