शान्ति के दूत हो

कविता-शान्ति के दूत हो
——————————–
शांति के दूत हो
जीवन के स्त्रोत हो,
अशोक तुम महान हो,
प्रिय दर्शी राजा
सबके सम्मान हो,
शोषित उपेक्षित के,
तुम ही उत्थान हो,
कुल का गौरव,
बुद्ध के संदेश हो,
विश्व विजेता तुम,
शांति के प्रतीक हो,
उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम,
फैलाएं बुद्ध का संदेश हो,
सर्व धर्म रक्षा करते,
हिस्ट्री में महान हो,
कलिंग का युद्ध देख,
बुद्ध ओर चल दिए,
अस्त्र शस्त्र छोड़कर,
बुद्ध भक्त बन गए,
शिक्षा स्वास्थ्य सब खातिर,
राज्य खजाना खोले,
नाली सड़क चारों ओर,
बाग लगवाये,
पशु पक्षी जीव जन्तु,
सब के लिए न्याय नियम था,
प्रजा हित समय रख ,
सब के लिए प्यार था,
बेटा और बेटी,
धम्म का प्रचार किये,
चारों ओर शांति फैले,
बुद्ध का संदेश दिये,
—————————
ऋषि कुमार ‘प्रभाकर’-

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

कोरोनवायरस -२०१९” -२

कोरोनवायरस -२०१९” -२ —————————- कोरोनावायरस एक संक्रामक बीमारी है| इसके इलाज की खोज में अभी संपूर्ण देश के वैज्ञानिक खोज में लगे हैं | बीमारी…

Responses

+

New Report

Close