Categories: शेर-ओ-शायरी
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जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
ज्ञान का पहला मार्ग
अज्ञानता ही ज्ञान का पहला मार्ग है l अज्ञानता से हीन भाव रखना, अपने आप में मूर्खता है l अल्प ज्ञान भी ज्ञान है, जब…
हरदम कौन ये मेरे दिल में…..!
हरदम कौन ये मेरे दिल में….. हरदम कौन ये मेरे दिल में, सुख में, दुःख में, हर मुश्किल में, हर्ष में मेरे, या अश्कों में,…
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Nice
Good
दो टूक
Good
वाह