है नामुमकिन मिटा पाना…..
है नामुमकिन
मिटा पाना
मेरे दिल से
मोहब्बत को
तेरी नजरों की
शोखी को
होंठों के हस्ताक्षर को
जो तन से लेकर
मन तक छपे उन
मौनी चुंबनो के ठप्पे
मिट कैसे पाएगें
लगे तन से जो मन तक हैं
छपे तन पे जो छापे हैं
वो अब हरगिज
ना जाएगे
बड़ी मुश्किल में
अब हैं हम
मिटा अब कैसे पायेंगे…. !!!
खूबसूरत अंदाज
अतिसुंदर भाव
Thanks
Nice