ज़िन्दगी
ज़िन्दगी के कुछ पल बदलना चाहता हू
काश रोक लिया होता तुम्हे
तोह हालत कुछ और होते
मुहब्बत तुम्हारे सपनो के आगे बहुत छोटी थी
इसलिए तुम्हे जाने दिया
तुम्हे मुझे गलत समझने का कारण दिया
जब आपने सपनो को पा लोगी
लौट कर देखोगी तोह मुझे ना पाओगी
मैंने भी मिडिल क्लास लोगों की तरह अपना घर सज़ा लिया है
Very nice lines
सुंदर
Dhnyawad
Thanks
Waah
भावपूर्ण कविता है, उनके चले जाने का गम भी है, जाने का कारण भी है, कारण यह है कि उनके सपने बहुत बड़े थे, मुहब्बत से भी बड़े सपने थे, इसलिए मुहब्ब्त छोड़कर सपने पूरे करने चल दिये। श्रृंगार के वियोग पक्ष की अनुभूति कराती सुन्दर कविता।
Mere kavita ka etna acha vislesan kabhi kisi ne nahin kiya
सर मैंने, आपकी कई पुरानी कविताएं भी पढ़ी हैं। आप बहुत ही शांत तरीके से मन की भावनाओं को कविता का रूप देते हैं। जिससे मन प्रभावित है। आप काफी समय पूर्व से इस मंच में लिख रहे हैं। आपके प्रति मेरे मन में सहज ही स्नेह की परिव्याप्ति है। आपका साहित्यिक प्रेम सैल्यूट के काबिल है। सादर नमस्कार
Thanks
विरह वेदना का यथार्थ चित्रण
Abhar apka
बहुत सुंदर पंक्तियां
Thanks