हवा का झोंका
हवा का झोंका जो तेरी ज़ुल्फे उड़ाता है।
तुझे ख़बर नहीं मुझे कितना तड़पाता है।।
हाथों से जब तुम ज़ुल्फे संवारती हो,
कानों के पीछे जब लटें सम्भालती हो,
तेरी हर एक अदा मेरी होश उड़ाता है।
तुझे ख़बर नहीं मुझे कितना तड़पाता है।।
हवा का झोंका जो तुझे छु कर आती है,
तेरी खुशबू मुझे मदहोश कर जाती है,
तेरी महक दिल के अरमान भड़काता है।
तुझे ख़बर नहीं मुझे कितना तड़पाता है।।
हवा का झोंका तेरी चुनर लहराती है,
गुज़रे तू करीब से मुझे छू कर जाती है,
तेरी चुनरी का ही छुना दिल धड़काता है।
तुझे ख़बर नहीं मुझे कितना तड़पाता है।।
देवेश साखरे ‘देव’
bahut khob sir
शुक्रिया
Nice
Thanks
Bahut khoob
शुक्रिया
Good
Thanks
Welcome
Good
Thanks
Welcome
वाह-वाह।
शुक्रिया
Nice
Thanks
Welcome