गुरु के चरणकमल

गुरुवर तव चरणन में, है तीन लोक राजित।
जिसने लिया सहारा, वो खुशियों में विराजित।।
लाखों कमल है जग, तव चरण कमल आगे।
दिल में बसा ‘विनयचंद ‘ बन जाओगे बड़भागे।।

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Responses

  1. गुरु का सम्मान दिल अति सुंदर रचना आपके सुंदर भावों को प्रकट कर रही है गुरु का सम्मान आज के युग में नहीं रह गया है परंतु आप के भाव में मन को गलत कर दिया है

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