दौलत में अन्धा

धुन सुकून की और धमाके का धंधा…
मयस्सर खुशियाँ उसे
जो दौलत में अन्धा…

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एक ग़ज़ल

एक ग़ज़ल  जो मेरे बेहद अज़ीज़ दोस्त को समर्पित है …. _________________________________ तुम्हारे चाहने वाले को क्यों आहें मयस्सर हैं ? नमी आँखों में लब…

दौलत

कोई ज़मीं बेचता, कोई आसमां बेचता । दौलत के नशे में चूर, ये ज़हां बेचता । कब परवान चढ़ा, मोहब्बत मुफ्लिशी का, दौलत मोहब्बत का…

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