Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story
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मां तूं दुनिया मेरी
हरदम शिकायत तूं मुझे माना करती कहां निमकी-खोरमा छिपा के रखती कहां भाई से ही स्नेह मन में तेरे यहां रह के भी तूं रहती…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
अति सुंदर
बहुत बहुत धन्यवाद जी
अतिसुंदर रचना
सादर धन्यवाद जी
लाजवाब पंक्तियां
बहुत बहुत धन्यवाद प्रज्ञा जी
अतीव सुन्दर, वाह वाह,नए तरह की पंक्तियाँ
बहुत बहुत धन्यवाद
शरद ऋतु के आने की बहुत ही सुन्दर पंक्तियां ।
“हजारी खिल, उड़ा खुशबू बुला भंवरा, सुना संगीत।भेज संदेश, प्यारा सा,बुला तू अब, मेरा मनमीत”
गेंदा के फूलों की सुगंध और भंवरे के संगीत से वातावरण गुंजायमान है
बहुत ही खूबसूरती से संदेश भेजने की बात कही है कवि ने
अतीव सुंदर रचना ,शानदार प्रस्तुति
कविता के भाव को समझ कर की गई इस खूबसूरत समीक्षा हेतु आपका हृदय तल से आभार, लेखनी की यह प्रखरता बनी रहे। जय हो