Categories: मुक्तक
Tags: संपादक की पसंद
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बूंद बूंद बूंदें।
बूंद बूंद बूंदें बूंद बूंद बूंदें बूंद बूंद बरसती है , आंखों से मेरी । तूने क्यों की रुसवाई , जज्बातों से मेरे। बूंद बूंद…
उड़ान भरने दो::आनंद सागर
इस मंच से जुड़े सभी काबिल रचनाकारों के नाम- ****उड़ान भरने दो**** अपनी आगोश में ये आसमान भरने दो, ये नये परिन्दे हैं,इन्हें उड़ान भरने…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
चल मिटा ले फासले
कुछ गलतफहमियाँ है, तेरे मेरे दरमियाँ, चल मिटा लें फासले, कुछ गुफ़्तगू कर लें, रूठी रहोगी, आखिर कब तलक, मै इधर तड़पता हूँ, और तु…
बहुत खूब
धन्यवाद
बहुत खूब
धन्यवाद