Nanhi si pari thi tum
नन्ही सी परी थी तुम,
जब आई थी गोद में मेरे,
सपने जो संजोए थे मैंने,
एक बेटी हो प्यारी सी,
वो कर दिया था पूरा,
मेरी गोद में आकर तूने,
न जाने कितनी लोरियां
सुनाई थी बचपन में मैंने तुझे,
जैसा था सोचा मैंने
वैसा ही पाया तुझे,
दिल की दुआ है मेरी,
मेरी भी उम्र लग जाए तुझे
अभी भी याद है मुझे
गुड़ियो से खेलना तेरा,
तेरी पायल की घुंघरू
कानों में अभी भी बजती है,
ठुमक ठुमक कर चलना तेरा,
अभी भी याद है मुझे,
न जाने कब तू बड़ी हो गई
पता चला भी नहीं मुझे,
वो पल मै सोच के घबराऊ,
जब विदा मैं करूं तुझे,
अरमा है मेरे दिल में
तेरे हाथों में मेहंदी रचाऊ,
दुल्हन के जोड़े में
जन्नत की परी तुझे बनाऊं |
सुन्दर भाव
Thanks
beautiful poetry!!
Thanks
बहुत सुंदर
Thanks
Sundar rachana
Thanks
वाह
Thanks
Bahut khoob
wah
कुछ परियों सी है तो कुछ तितलियों सी है.
आपकी ये पंक्तियां सच में पंखुड़ियों सी हैं .
Wah
Nice one poonam ji
परी