आज अवध में होली है और , मैं अशोका बन में

आज अवध में होली है और, मैं अशोका बन में।
रंग दो मोहे राजा राम , मैं बसी हूँ कन कन में।।

आँखे रोकर पत्थर हो गयी, आँसू से भरे सागर।
तुम भी देख लेना साजन, हालत मेरी आकर।।
छोड़ आई हूँ सासें रसिया, तेरे निज चरणन में।
आज अवध में होली है और , मैं अशोका बन में॥

याद आती है मिथला की बोली, और अवध होली।
छोड़ के अपनी सखी, सहेली , मैं रह गयी अकेली॥
तेरे दम पर चली थी घर से, बिछड़ गयी कानन में।
आज अवध में होली है और, मैं अशोका बन में।।

चित्रकूट के पनघट पर तुम , रंगे थे मोहे रसिया।
मंदाकिनी की धार में, हम दोनो बहे थे रसिया।।
बीती बातें याद हैं क्या , अब भी तुम्हारे मन में।
आज अवध में होली है और , मैं अशोका बन में।।

पंचवटी में हंसों का जोड़ा, होली में रंग जाता था।
प्रेम अमर, अमर रहेगा, बसंत गीत गाता था।।
सुंगध तेरी लेकर आया, वही बसंत, पवन में।
आज अवध में होली है और, मैं अशोका बन में॥

जाने क्या सुध थी मेरी कि मैं जिद तुमसे कर बैठी।
हिरनिया के मोह में राजा, आज मैं इस कदर बैठी।।
सोचती हूँ मैं भी रसिया, क्यों भटके हम बन में।
आज अवध में होली है और, मैं अशोका बन में॥

कितनी होली बिताई है मैंने, तेरी यादों के सहारे।
सूखा आंचल देखो मेरा, आज तुम्हीं को पुकारे।
आओ लंका में प्रियतम, कब तक रहूँगी बंधन में।
आज अवध में होली है और, मैं अशोका बन में॥
ओमप्रकाश चंदेल “अवसर”
रानीतराई पाटन दुर्ग छत्तीसगढ़
7693919758

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

जंगे आज़ादी (आजादी की ७०वी वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर राष्ट्र को समर्पित)

वर्ष सैकड़ों बीत गये, आज़ादी हमको मिली नहीं लाखों शहीद कुर्बान हुए, आज़ादी हमको मिली नहीं भारत जननी स्वर्ण भूमि पर, बर्बर अत्याचार हुये माता…

Responses

New Report

Close