आपका जब संग है

खूबरसूरत जिन्दगी
आपके कारण ही है,
आप हैं, तब है सभी कुछ
जिन्दगी में रंग है।
आप इस सूखी धरा में
प्रेम की बरसात हैं,
और क्या अवलम्ब खोजूँ
आपका जब संग है।
हों भले पथरीली राहें
हर तरफ कंटक पड़े हों,
भय नहीं पग को तनिक भी
आपका जब संग है।
यूँ तो चंचल मन की ढेरों
ख्वाहिशें रहती हैं लेकिन,
ख्वाहिशें सब गौण सी हैं
आपका जब संग है।
उलझे केशों से था जीवन
आप जब तक दूर थे
आप अब मन में बसे
बेढंग में भी ढंग है।
खूबरसूरत जिन्दगी
आपके कारण ही है,
आप हैं, तब है सभी कुछ
जिन्दगी में रंग है।
– — डॉ0 सतीश चन्द्र पाण्डेय

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

+

New Report

Close