एहे बरस के सावन मे (भोजपुरी गीत)

सावन में सावन में, एहे बरस के सावन मे
आवऽ न गोलकी झूला झूलाईं एहे बरस के सावन मे
सावन में सावन में , एहे……………………………………..
आवऽ न गोलकी झूला झूलाईं…………………………..
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साजन बऽनऽब हम सजनी तोहार
कोरस — सजनी तोहार गोलकी सजनी तोहार
झूला के लागल बा उहां कतार
कोरस —- उहां कतार गोलकी उहां कतार
सावन के चऽलऽता रंगीन ब्यार
कोरस —रंगीन ब्यार गोलकी रंगीन ब्यार
चारो ओरिया के देखऽ नजारा(२) एहे बरस के सावन मे
आवऽ न गोलकी झूला झूलाईं, एहे बरस के सावन में
सावन में सावन में, एहे _————————
आवऽ न गोलकी झूला झूलाईं…………………………
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धरती पे गिरल रिमझिम फुहार
कोरस — रिमझिम फुहार गोलकी रिमझिम फुहार
प्यार के चऽढऽल बा नयेका बुखार
कोरस —-नयेका बुखार गोलकी नयेका बुखार
रुस बू तऽ हो जाई मौसम बेकार
कोरस —मौसम बेकार गोलकी मौसम बेकार
साल भर पे आईल बसंत बहार (२ ) एहे बरस के सावन में
आवऽ न गोलकी झूला झूलाईं, एहे बरस के सावन मे
सावन में सावन में एहे,……………………………………..
आवऽ न गोलकी झूला झूलाईं…………. . ………..

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