क्यों
सावन मे सखी मन 💕 क्यों बहके ।
सारे पपीहा पेड़ पर क्यों चहके।।
काली घटा प्रेम रुत क्यों ले आई।
उसके आने से मन 💕 क्यों धड़के ।।
सावन के 💧 बूंद गालो को क्यों चूमे।
इस मौसम में अंग अंग क्यों फड़के।।
सावन मे सखी मन 💕 क्यों बहके ।
सारे पपीहा पेड़ पर क्यों चहके।।
काली घटा प्रेम रुत क्यों ले आई।
उसके आने से मन 💕 क्यों धड़के ।।
सावन के 💧 बूंद गालो को क्यों चूमे।
इस मौसम में अंग अंग क्यों फड़के।।
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Nice
धन्यवाद।
वाह बहुत सुंदर
शुक्रिया।
वाह
आभार।
Nice
धन्यवाद।
Good
शुक्रिया।
Nyc
धन्यवाद।
Good
शुक्रिया मेहरबान।
वेलकम
उत्तम रचना