खुल के प्यार करते हैं

हम आंखों से नहीं
मुख से बात करते हैं
जिसे चाहते हैं
खुल के प्यार करते हैं।
यह न समझो कि हम
इजहार नहीं करते हैं,
बड़ों के सामने
थोड़ा लिहाज करते हैं।
नुमाइश नहीं करते
सरे बाजार हम
बिठाकर दिल के भीतर
प्यार तुम्हें करते हैं।
हम आंखों से नहीं
मुख से बात करते हैं
जिसे चाहते हैं
खुल के प्यार करते हैं।

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

    1. आपके द्वारा की गई समीक्षा और उत्साहवर्धन हेतु आभार व्यक्त करने को शब्द भी कम पड़ रहे हैं। आपकी समीक्षा शक्ति की जितनी तारीफ की जाए वह कम है। सादर अभिवादन गीता जी

+

New Report

Close