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करो परिश्रम ——
करो परिश्रम कठिनाई से, जब तक पास तुम्हारे तन है । लहरों से तुम हार मत मानो, ये बात सीखो त जब मँक्षियारा नाव चलाता,…
करो परिश्रम कठिनाई से
करो परिश्रम कठिनाई से, तुम जब तक पास तुम्हारे तन है । लहरों से तुम हार मत मानो, ये बात सीखो तुम मँक्षियारा से ।…
पैसा बोलता है
( पैसा बोलता हैं.. ) जेब ढीली बाजार में ऑख टके सामान को जी मचले बीच बाजार में बेवस लाचार सम्भाले पैसे हाथ पाव किये…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
कुमाऊनी कविता: धन्न्न पैसा त्यर कमाल
धन्न्न पैसा त्यर कमाल कस्स्ये बतूं त्यर हाल जों ले जांछे वों बबाल धन्न्न पैसा त्यर कमाल जब ऊंछे तू देश बटी तू भले क्वे…
आपने बहुत अच्छा लिखा है, लेकिन हिंदी व्याकरण की दृष्टि से यह कुंडलिया छन्द नहीं बन पाया है। प्रयास अच्छा किया है।
उत्तम
देश एकता अखंडता ,जोड़े सूत्र समाज
बहुत सुंदर
30 में अनेकता में एकता का संदेश देती बहुत ही प्यारी रचना
देश में