Categories: गीत
ओमप्रकाश चंदेल
कविता, गीत, कहानी लेखन
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कोन गुनह के सजा म कोन गुनह के सजा म , जेमा आज धंधागेंव मय | रिस्ता नत्ता जाने कोन , बंधन म बंधागेंव मय…
निर्झर झरता गीत
यह गीत धरा का धैर्य गर्व है, नील–गगन का यह गीत झरा निर्झर-सा मेरे; प्यासे मन का …. यह गीत सु—वासित् : चंदन–वन…
हम उस देश के वासी है ।।
हम उस देश के वासी है, जिस देश के घरेलु सकल उत्पाद कभी आकाश चुम रही थी । हम उस देश के वासी है, जिस…
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वर्ष सैकड़ों बीत गये, आज़ादी हमको मिली नहीं लाखों शहीद कुर्बान हुए, आज़ादी हमको मिली नहीं भारत जननी स्वर्ण भूमि पर, बर्बर अत्याचार हुये माता…
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mithaas se bharpoor!
धन्यवाद
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Good