जीवन जहर हो गया

कोई पी के जहर भी
अमर हो गया।
किसी का जीवन भी
यारों जहर हो गया।।
मौत आई थी जिसकी़
वो मर न सका।
मौत की सब गलियाँ
और शहर हो गया।।

Related Articles

यादें

बेवजह, बेसबब सी खुशी जाने क्यों थीं? चुपके से यादें मेरे दिल में समायीं थीं, अकेले नहीं, काफ़िला संग लाईं थीं, मेरे साथ दोस्ती निभाने…

Responses

New Report

Close