तेरी अंगड़ाई
चाँद की सूरत, तेरी सूरत रानाई।
होश उड़ा ले गई मेरी, तेरी अंगड़ाई।
तारीफ करूँ क्या तेरे अहदे-शबाब की,
जुबां बंद कर गई मेरी, तेरी अंगड़ाई।
सारी रात बीती करवटें बदलते – बदलते,
सहरे-नींदें चुरा ले गई मेरी, तेरी अंगड़ाई।
पायल की छन-छन, चूड़ियों की खन-खन,
सब्रो-सुकूं छीन ले गई मेरी, तेरी अंगड़ाई।
वस्ले-सनम से पहले ही कहीं ‘देव’,
जां न ले ले मेरी, तेरी अंगड़ाई।।
देवेश साखरे ‘देव’
1.सूरत- तरह, चेहरा, 2.रानाई- सुन्दर
अतिसुंदर
आभार आपका
Nice
Thanks
nice
Thanks
Wah
शुक्रिया
बढ़िया
शुक्रिया
Nice
Thanks
बहुत खूब
शुक्रिया
हमारी मेहनत का दिशा निर्देश करे
वाह जी वाह