दुख के आगे सुख
हंसना मुस्कुराना ना तू दुख मनाना,
हर दुख के बाद सूख है जरूर
ये मन को है समझाना।
अंधेरों के आगे रोशनी का साया है,
रब ने दुख सुख से यह जीवन सजाया है।
हंस ना सके इस जीवन में
तो सुखसुविधा बेकार की हैं,
यदि गम में डूब कर हार गए
तो हिम्मत फिर किस काम की है
जीवन की नाव में बैठे हो
तूफ़ानों को झेलना होगा,
मंज़िल खुद मिलने आएगी
यदि डर कर पीछे लौटे ना।
निमिषा सिंघल
सुंदर
🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Very good
Very good
Good