नया साल
ग़ज़ल
कुछ एेसा नया साल हो।
अपने आप मे बेमिशाल हो।
महगी थी यह वर्ष बीत गई,
कुछ सस्ता नया साल हो।
कुछ तो यादें रहेंगें नये नये,
कुछ सपनों का उडता गुलाल हो।
नई गीत हो ,नया ग़ज़ल हो,
नये सरगम पे नया ताल हो।
रंगीन – ए- महपिल में योगेन्द्र,
कुछ उम्मिदों का नया साल हो
योगेन्द्र कुमार निषाद
घरघोड़ा (छ़ग़)
nice gazal
Thanx Ritu jee
Very nice 1st of gajal
Thanx
bahu achha gajal h bhaiya
धन्यवाद
Nice gajal
धन्यवाद उमेश जी
धन्यवाद , आप सभी को मेरे रचना ” नया साल “को वोट करने के लिये ।
वाह
Wow