निवारण
उम्र का फासला अलग
जरूरत से ज्यादा आशा
सदस्यों की अपूर्व ब्यस्तता
बढ़ती शिकायत का है कारण
शांत मन ही कर सकता निवारण
सब सभी से समझते भी नहीं
सब को हम समझाते भी नहीं
इक धारणा भी बना रखी है सबने
वहीं जाके होगा समस्या का निराकरण
शब्द एक ही अलग-अलग लोग बोलते हैं
एक को सुनना चाहते ही नहीं
इस लिए समझ भी नहीं पाते हैं
वरणा समस्या की जगह ही हल पाते हैं
भावपूर्ण रचना प्रस्तुत किया है आपने।
लाजवाब कविता
बहुत सुन्दर