नैना मूंद मूंद जा…
नैना मूंद मूंद जा
सोना नहीं वे सोना नहीं
काटे जग बैरी तो
रोना नहीं वे रोना नहीं
किस जहाँ में
ले आ गयी है हवाएँ
इस जहाँ में
होते हैं अपने पराये
मतलब की भिड़ है
खोना नहीं वे खोना नहीं
नैना मूंद मूंद जा
सोना नहीं वे सोना नहीं
ढूंढो डगर ना ऐसे खफा हो
मन में उम्मीदें रख कर
चलो वहां जहां कोई भी ना हो
मन में उम्मीदें रख कर
जहां दिल तेरा चाहे
तू जा वहीं वे तू जा वहीं
नैना मूंद मूंद जा
सोना नहीं वे सोना नहीं
काटे जग बैरी तो
रोना नहीं वे रोना नहीं।
काटे जग बैरी तो
रोना नहीं वे रोना नहीं।
,______इस दुनियाँ के नकारात्मक दृष्टिकोण से परेशान ना होने की सुन्दर सलाह देती हुई, सकारात्मकता की ओर प्रेरित करती हुई बहुत सुंदर रचना। उम्दा प्रस्तुति
धन्यवाद 🙏🙏🙏
इस कविता में कवि हृदय में कोई तीक्ष्ण हूक उठती दिखाई दी है। एक अनाम सा संदेश, न रोने का सन्देश देती, सकारात्मक दिशा को प्रेरित करती कवि की सुन्दर रचना है यह।
धन्यवाद 🙏🙏🙏
सुंदर
धन्यवाद 🙏🙏
नैना मूंद मूंद जा
सोना नहीं वे सोना नहीं
काटे जग बैरी तो
रोना नहीं वे रोना नहीं
किस जहाँ में
ले आ गयी है हवाएँ
इस जहाँ में
होते हैं अपने पराये
मतलब की भिड़ है..
जीवन की परेशानियों से हताश ना होकर आगे बढते जाने को प्रेरित करती हुई कविता