पवन हूँ चंचल
तूफ़ान तो नहीं हूँ
लेकिन पवन हूँ चंचल
तेरे आसपास चलकर
शीतल करूंगा पल-पल।
संगीतमय करूंगा
कविता से तेरा आँचल
उन्मुक्त खुशियाँ दूंगा
तोडूंगा गम के सांकल।
तूफ़ान तो नहीं हूँ
लेकिन पवन हूँ चंचल
तेरे आसपास चलकर
शीतल करूंगा पल-पल।
संगीतमय करूंगा
कविता से तेरा आँचल
उन्मुक्त खुशियाँ दूंगा
तोडूंगा गम के सांकल।
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बहुत खूब बहुत शानदार
बहुत खूब
बहुत खूब
बहुत सुंदर
सुंदर प्रस्तुति।
सुंदर पंक्तियां
वाह , बहुत ख़ूब । बहुत सुंदर पंक्तियां
तूफान परेशान कर देता है,और ठंडी पवन सुकून देती है।
वाह, इंदु जी कमाल का लेखन है👏👏
शानदार रचना
क्या बात है