प्रार्थना
प्रिय 2020 तेरी विदाई में अब क्या शब्द कहूं,
हंगामेदार मौजूदगी की बातें किस मुंह से कहूं।
कभी सुना और सोचा भी नहीं वो सब घट गया,
तेरे काल में कोरोना का भारी आतंक मच गया।।
लोकडाउन कर दुनिया में ताले तूने लगावा दिए,
मुंह बंद करवाए तूने, हाथ कई बार धुलवा दिए।
घरों में बंद करवाया हमको बाजार सूने करा दिए,
हर एक को डराया तूने मौत के दर्शन करवा दिए।।
दूध के जले छाछ को भी फूंक फूंक कर पीते हैं,
साल 2021 का स्वागत हम डर डर के करते हैं।
आओ हम सब मिलकर प्रार्थना प्रभू से करते हैं,
मिट जाए कोरोना जग से, यही आशा रखते हैं।।
राकेश सक्सेना बून्दी राजस्थान
9928305806
कोरोना बीमारी पर आधारित बहुत ही सटीक रचना , यथार्थ चित्रण प्रस्तुत करती हुई एक उम्दा प्रस्तुति
अतिसुंदर भाव
Nice