भरोसा ख़ुद पर..

ना रो बंदे,
ज़ार-ज़ार
ख़ुद पे कुछ
भरोसा तो रख
रोए तेरे बाद
ये ज़माना बार-बार
तुझे याद करके
ऐसा कुछ काम तो कर

*****✍️गीता

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Responses

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  2. आपकी इस बहुमूल्य समीक्षा हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद सतीश जी
    आपकी ये कीमती समीक्षाएं बहुत ही उत्साह वर्धन करती हैं सर 🙏

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