Categories: ग़ज़ल
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
नशा ही नशा
किसी को इश्क का नशा, किसी को रश्क का नशा। किसी को शय का नशा, किसी को मय का नशा। किसी को दौलत का नशा,…
ये पूस का महिना कैसे हम भूला देंगे
ये पूस का महिना कैसे हम भूला देंगे? सुना के कहानी बाल वीरों की सब को हम रुला देंगे। रात अंधेरी थी घनघोर नभ में…
मां तूं दुनिया मेरी
हरदम शिकायत तूं मुझे माना करती कहां निमकी-खोरमा छिपा के रखती कहां भाई से ही स्नेह मन में तेरे यहां रह के भी तूं रहती…
और एक जाम
खत्म न हो जश्ने-रौनक हँसीन शाम की। आ टकरा लें प्याला और एक जाम की। देखो साकी खाली ना होने पाए पैमाना, ले आओ सारी…
Bahut khub
शुक्रिया
Good
Thanks
Khub
शुक्रिया
Kya baat h
धन्यवाद
Nice
Thanks
वाह बहुत सुंदर रचना
आभार आपका
Ayehaye
Thanks