माँ-बाप की लाडो
माँ–बाप की लाडो
ज्यौं जोगि छोड़े दुनिया को
त्यों अपनी दुनिया छोड़ आई हूँ
मैं तेरी जोगन हो आई हूँ
अपना व्याह रचा आई हूँ
बाबुल का आँगन सूना कर
तेरा स्वारन चल आई हूँ
वीरो की बाँहे छोड़
जीवन तेरे लड लगा आई हूँ
मै माँ–बाप की लाडो
तेरी परछाई बन चल आई हूँ
अपनी मंज़िलों को भूल
तेरी राहों को अपना आई हूँ
हाथो की मेहँदी में
तेरे इश्क का रंग चडा आई हूँ
इन सभी लकीरो में
एक तेरा ही नाम सजा आयी हूँ
अपने सच पर मुझे भरोसा हे
सांसो का साथ निभा जाना
सात जन्मो का कह्ते साथ होता
मैंने आठवां भी क्मा जाना
तेरे भरोसे सब छोड़ा यारा
तू रब बन दिखा सजना
जो सपने उतारे आंखों में
उन्हे पूरे कर दिखा सजना
सारी ज़िन्दगी तेते लुटा सजना
एह जीवन पार लगा जाना
दिल का प्यार लुटा सजना
तेरे मन का प्यार मैं पा जाना
यूई ए निकी जेहि
बाबुल की लाडो ने
तेरी साथन बन
तेरी ज़िन्दगी नू स्वर्ग बना जाना
…… यूई
Umda rachna
Thanks for your kind words Sir
You’re awesome sir
Good
अपने सच पर मुझे भरोसा हे
सांसो का साथ निभा जाना
सात जन्मो का कह्ते साथ होता
मैंने आठवां भी क्मा जाना
Nice