माँ, मैं तुम्हारी गलतियों को फिर नहीं दोहराउंगी…
माँ, मैं तुम्हारी गलतियों को फिर नहीं दोहराउंगी
मैं अपने बेटों को औरत की इज़्ज़त करना सिखाऊंगी
माँ,मैं तुम्हारी गलतियों को फ़िर नहीं दोहराउंगी
औरत होने का मतलब
डरना नहीं
मैं अपनी बेटियों को सिखाऊंगी
माँ, मैं तुम्हारी गलतियों को फिर नहीं दोहराउंगी
मैं अपने बच्चों को आत्म निर्भर बनना सिखाऊंगी
जीवन का मतलब सिर्फ़ बिताना नहीं
जीवन अमूल्य हैं, उन्हें समझाऊँगी,
माँ, मैं तुम्हारी गलतियों को फ़िर नहीं दोहराउंगी
मैं अपने घर जैसा,
अपना घर नहीं बनाऊंगी
माँ, मैं तुम्हारी गलतियों को फ़िर नहीं दोहराउंगी…
राजनंदिनी रावत
I like daughter
Msttt
Nice poem….
Poem achi h…
Mstttt
Good
Touchy ❤
Nice
Good
वाह बहुत सुंदर
Good