Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: मुक्तक
Mithilesh Rai
Lives in Varanasi, India
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
‘जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव’
हिमाचल के इस मंदिरों के ज़रूर करें दर्शन, मिलेगा सभी कष्टों और दुखों से छुटकारा जय बाबा धुंन्धेशवर महादेव हिमाचल की खूबसूरती को तो सभी…
ख़ुशी जिसे कहते हैं
ख़ुशी जिसे कहते हैं, वो चीज ढूंढता हूँ गैरों की इस दुनिया में अपनों को ढूंढता हूँ अकेला तो न था पहले कभी इतना साथ…
आज़ाद हिंद
सम्पूर्ण ब्रहमण्ड भीतर विराजत ! अनेक खंड , चंद्रमा तरेगन !! सूर्य व अनेक उपागम् , ! किंतु मुख्य नॅव खण्डो !! मे पृथ्वी…
मैं बस्तर हूँ
दुनियाँ का कोई कानून चलता नहीं। रौशनी का दिया कोई जलता नहीं। कोशिशें अमन की दफन हो गयी हर मुद्दे पे बंदूक चलन हो गयी॥…
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