मुक्तक

तेरे लिए मैं अपना ठिकाना भूल जाता हूँ!
तेरे लिए मैं अपना जमाना भूल जाता हूँ!
मदहोश हो चुका हूँ तेरी चाहत में इतना,
तेरे लिए जाम का पैमाना भूल जाता हूँ!

मुक्तककार- #महादेव'(26)

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