मुक्तक

पास ना होकर भी जो
दूर नहीं
बिछड़कर भी जो
छूटा नहीं
सिर्फ दोस्ती का रिश्ता
ही है जो मेरे बदलने पर
भी बदला नहीं !
(निसार)

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