मैं तेरी मुस्कान चाहती हूं।
मैं तेरी मुस्कान चाहती हूं,
तेरा हर अरमान चाहती हूं।
तू उड़ सके आजाद,
यह पैगाम चाहती हूं।
फिरे तू हर उन गलियों से,
जो गुजरती हो बुलंद नगरों से।
बीच में तू रुके ना तू,
कभी झुके ना तू ,
बस तेरी जीत हो ,
ये एहसास चाहती हूं।
मैं बस तेरी मुस्कान चाहती हूं।
अति सुंदर भाव और प्रस्तुति
धन्यवाद जी
बहुत ही अच्छी कविता है
सादर धन्यवाद जी
बहुत खूब
धन्यवाद सर
Adbuut Rachana👌
धन्यवाद 🙏
एक मां के अपनी बेटी के प्रति प्रेम भावना और अभिलाषा को बहुत ही सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया गया है बहुत उम्दा
सुंदर समीक्षा के लिए हार्दिक धन्यवाद
Me bhi aapki muskan chahta hu..😊😘
Thank you dear bro..
Adbhut bahut hi sundar rachna hai apki…
धन्यवाद
बहुत ही बढ़िया कविता है.
धन्यवाद
वाह क्या बात है
धन्यवाद