
SACHIN SANSANWAL
अब जितने भी अल्फाज है ,
मेरी कलम ही मेरे साथ है |
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लौट आओ अपने खेतों पर
लौट आओ अपने खेतों पर अब हरित क्रान्ति लिख देंगे। उजाड़ गौशाला को सजाकर अब श्वेत क्रान्ति लिख देंगे। फिर से नाम किसानों का लाल…
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nice
thanks bro
वाह बहुत सुंदर