याद की शिकायत..
किसी को याद करके रोना नही, ऐ दोस्त..
किसी को याद करके मुस्कुराओ ।
वरना शिकायत लगा देगी ,
याद उसी की उसे वापिस आकर ,
वो भी तो रो देगा..
तो कैसा लगेगा बताओ ।
तुम मुस्कुराओगे तो वो भी मुस्कुरा देगा ,
यकीं ना हो तो कभी इसको आज़माओ ।
_______✍️गीता______
याद का मानवीकरण किया गया है।
बहुत ही सुन्दर कविता,nice
बहुत आभार चंद्रा जी🙏
वाह बहुत सुंदर भाव पूर्ण रचना
सादर धन्यवाद भाई जी 🙏
कमाल की भावाभिव्यंजना, याद के लौट कर आने का खूबसूरत मानवीकरण, कलम को सलाम है। प्रतिभा को अभिवादन है।
आपकी इस अति उत्साह वर्धक समीक्षा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद एवम् आभार 🙏🙏
याद करके मुस्कुराओ …
पंक्तियाँ उच्च कोटि की है
समीक्षा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद जी 🙏
जबरदस्त है
समीक्षा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद प्रज्ञा बहन
सुन्दर भाव सुंदर पंक्तियां
समीक्षा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद जी
बहुत सुन्दर
Thanks for your nice complement.
Great Poem
Thanks allot to you sir🙏
अतीव सुन्दर
बहुत सारा धन्यवाद कमला मैम🙏
Waah Geeta ji
Thanks Allot Isha ji
बहुत खूब
शुक्रिया इन्दु जी 🙏