Related Articles

फ़िर बतलाओ जश्न मनाऊँ मैं कैसी आजादी का

आतंकी की महिमा मंडित मंदिर और शिवाले खंडित पशु प्रेमी की होड़ है फ़िर भी बोटी चाट रहे हैं पंडित भ्रष्टों को मिलती है गोदी…

अक़्ल

कुछ बेदर्द इंसानों ने अपनी अक्ल उतार कर रख दी, मासूम ज़िन्दगी की आईने में शक्ल उतार कर रख दी, दिन में लगे जो गहरे…

Responses

New Report

Close