सब मिलकर करें मजदूरों का सम्मान
जब परमपिता परमेश्वर ने हम सबको है सामान बनाया,
ना जाने कितने समाज में ऊंच-नीच ,भेदभाव का नियम बनाया,
मजदूरों की मेहनत पर,
हम सारे सुखों को भोगते हैं,
जिस अन्न को खाते,और जिस घर में रहते,
उसे मजदूर अपने खून पसीने से सींचते हैं,
मानवता के नाते देखें,
मजदूर भी तो एक इंसान है,
चाहे अमीर, चाहे गरीब सबकी तरह,
इनके तन में भी बसती जान है,
मजदूरी करना कोई पाप नहीं,
आजीविका का साधन है इनका,
ऊंच-नीच का भेद मिटाओ मन से,
सब जन मिलकर आभार व्यक्त करो इनका।।
(आप सभी को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं)—अमिता–
Nice line
बहुत खूब
Thanks
Thanks a lot
Very good
Thank you
मजदूर दिवस पर रचित आपकी बहुत सुंदर रचना
आपका सादर अभिनंदन
Great and very beautiful poem.
सामान
समान
सम्मान
मजदूरी करना कोई पाप नहीं,
आजीविका का साधन है इनका,
ऊंच-नीच का भेद मिटाओ मन से,
सब जन मिलकर आभार व्यक्त करो इनका।।