Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tagged: शायरी

UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
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मेरे राम इतना तु कर दे मुझ पे एहसान कि तेरा नाम जपूँ मैं बार-बार ।।2।। ———————————————- मेरे राम इतना तु कर दे मुझ पे…
एक यह एहसान
एहसान तेरे काफी भूला देंगे हम एक यह एहसान रहेगा याद ह्मे इतनी जल्दी ही बस दिखा दिया अपनी बेवफ़ा रूह का असली दिया …….…
रोज़ होती रही तेरे वादों की बरसात
रोज़ होती रही तेरे वादों की बरसात कमाल ये के कभी हम भीग नहीं पाएं तंगदिल है मेरा या तेरा सिलसिला क़ाफ़िर न तुम समझे…
वो बेख़ौफ दिखाती है, अपनी पहचान
वो बेख़ौफ़ दिखाती है, अपनी पहचान, छिपती ही नहीं परदे के पीछे, रोका है उसे, टोका हैं उसे, छुपाया हैं, उसे, दबाया है उसे, फिर…
किसकी हसरत कैसी हसरत
किसकी हसरत कैसी हसरत अपने तो दुखों को मिली बरकत उसे गुनाहगार कैसे कह दो सब थी अपनी ही वैसी हरकत
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