हौसला
इंसाफ की लङाई लङनी हो तो फिर कोरोना का क्या डर
मुस्कुरा के करेंगे हर मुश्किल का सामना, चाहे जिसका हो कहर
इंसाफ की लङाई लङनी हो तो फिर कोरोना का क्या डर
मुस्कुरा के करेंगे हर मुश्किल का सामना, चाहे जिसका हो कहर
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बहुत सुन्दर रचना
डर कर घबरा कर कोई भी फैसला उचित नहीं होता बल्कि बुद्धि तथा विवेक से किए गए फैसलों पर आगे चलकर पछताना नहीं पड़ता मुस्कुराहट मानसिक तनाव को तो दूर करती ही है साथ में हमारे रिश्तो को भी परिपक्व बनाती है कोरोना जैसी महामारी में कोरोना से मरने वालों की संख्या कम है जबकि इससे घबराकर मानसिक रोग से पीड़ित होने वाले मरीजों की संख्या अधिक है ऐसे में घबराना किस बात का कोई भी कठिनाई हो उसका सामना मुस्कुराकर ही करना चाहिए
बहुत सुंदर, उत्साह जगाती बेहतरीन पंक्तियाँ
सुंदर
बहुत सुंदर विचार