Categories: शेर-ओ-शायरी
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न्याय बीमार पड़ी है, कानून की आँख में पानी है
अत्याचार दिन ब दिन बढ़ रहे हैं भारत की बेटी पर। रो-रो कर चढ़ रही बिचारी एक-एक करके वेदी पर ।। भिलाई से लेकर दिल्ली…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
तेरी कश्ती मेरी कश्ती
तेरी कश्ती मेरी कश्ती बस इतनी सी तो रवानी है हर ज़िन्दगी की कहानी है सब कागज की कश्ती है और ख़ुद को पार…
देश की राजनीति बीमार है
चारों तरफ से लोगों ने शोर मचाया हर अख़बार और टीवी चैनल पर आया देश का हर एक नागरिक चिल्लाया देश में चढ़ा कैसा ये…
गजल- सोचा न था |
गजल- सोचा न था | ठुकरा देगा मुझे इस तरह कभी सोचा न था | दगा देगा मुझे इस तरह कभी सोचा न था |…
अति सुंदर